दिल्ली में करोना वायरस के मरीजों की संख्या पहुंच सकती है 5.5 लाख : उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया


दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया में हाल ही में कहा कि दिल्ली के क्रोना वायरस के केस महीने के अंत तक 5.5 लाख से भी अधिक जा सकते हैं जिसके लिए दिल्ली सरकार को लगभग 80 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी





Delhi coronavirus




हाल ही में हुई बातचीत में श्री मनीष सिसोदिया जी ने बताया कि उनकी अभी आपदा प्रबंधन विभाग से बात हुई है और उन सब का मानना है कि आने वाले 12 से 13 दिनों में क्रोना वायरस के जो संक्रमित केस हैं उनके नंबर दुगने हो सकते हैं





एक सरकारी अनुमान के मुताबिक माना जा रहा है कि 15 जून तक दिल्ली में कोविड-19 से संक्रमित मामलो की संख्या 44000 से ऊपर चली जाएगी| और यह संख्या 30 जून तक एक लाख तथा 15 जुलाई तक 2.5  लाख को भी पार कर सकती है और इसी रफ्तार से अगर कोविड-19 से संक्रमित मामले सामने आते रहे तो यह संख्या 31 जुलाई तक 5.5 लाख तक पहुंच जाएगी, और अगर यह नंबर हकीकत में इसी तरीके से बढ़ते हैं तो दिल्ली सरकार को लगभग 80 हजार बेड की हॉस्पिटल में जरूरत होगी और सिर्फ बेड ही नहीं सरकार को चिकित्सक जगह और अन्य उपकरणों की भी जरूरत पड़ेगी।





उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि इस संबंध में कुछ बातों पर विचार विमर्श किया गया है जैसे कि इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम त्याग राज स्टेडियम जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम और प्रगति मैदान तथा विवाह स्थल जैसी जगहों को भी उपयोग में लाया जाए जिससे कि दिल्ली में बढ़ती हुई महामारी से पीड़ित लोगों का उपचार किया जा सके





दिल्ली के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया जिन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल की जगह पर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से बातचीत की उन्होंने उपराज्यपाल से पूछा कि किस तरीके से दिल्ली में 80 हजार  बेड की जरूरत को पूरा किया जाए तो इस पर जो ने जवाब मिला वह यह है कि वह नहीं जानते
मनीष सिसोदिया ने यह भी बताया कि उन्होंने उपराज्यपाल जी से उनके फैसले को पर पुनः विचार करने के लिए कहा कि जो हॉस्पिटल अस्पताल दिल्ली में है वह सिर्फ दिल्ली के लोगों के लिए ही उपयोग में लाए जाएं परंतु श्री उपराज्यपाल जी ने  किसी भी पुनर्विचार के लिए मना कर दिया और उन्होंने  अपने फैसले में कोई भी चेंज करने से मना कर दिया | 





  •   दर्शन केजरीवाल सरकार ने कुछ दिनों पहले एक निर्णय किया कि दिल्ली के अंदर जितने भी दिल्ली सरकार के और प्राइवेट अस्पताल हैं उनमें से दिल्ली के लोगों का ही इलाज होगा यह फैसला देखा जाए तो संवैधानिक तौर पर भी गलत ही था और इसीलिए दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस फैसले पर रोक लगाई और कहा कि दिल्ली मैं कोई भी अपना इलाज कराने आ सकता है





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पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री का मानना है कि माननीय उपराज्यपाल जोकि आपदा प्रबंधन कार्यालय केअध्यक्ष हैं उनको भारतीय जनता पार्टी द्वारा फोर्स किया गया है कि वह कैबिनेट के फैसले को बदल दें उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने विचारों को पुनः दोहराते हुए कहा कि दिल्ली के अस्पतालों को सभी राज्यों के लिए खोलना एक बहुत ही बड़ी समस्या को निमंत्रण देना होगा यदि अन्य राज्यों से भी दिल्ली में संक्रमित मरीजों का आना शुरू हो गया तो उससे सभी बेड भर जाएंगे दो से 4 दिन के अंदर और इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा सिसोदिया ने पूछा |





आज के हालात के अनुसार जो दिल्ली सरकार ने आंकड़े दिए हैं उनके पास उपलब्ध उपकरणों  या  संसाधनों की सांख्या  वह कुछ इस तरह है कि दिल्ली सरकार के पास  8821 बेड,  582 आईसीयू बेड, 468 वेंटिलेटर और 
3590 बेड जोकि ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ उपलब्ध है और इसी के साथ दिल्ली सरकार ने यह भी कहा की 15 जून दिल्ली सरकार और 2000 बेड बढ़ा देगी दिल्ली में जो होटल से उनके साथ काम कर कर यानी कि उनको हॉस्पिटल्स में कन्वर्ट कर कर कुछ समय के लिए तथा जो नया हॉस्पिटल बुराड़ी क्षेत्र दिल्ली में है वहां पर लगभग 450 बेड भी 20 जून तक उपलब्ध हो जाएंगे





यह सारे आंकड़े तो एक तरफ सरजू दिल्ली के हालात देख रहे हैं वह कुछ और ही कहते दिखाई देते हैं इन सभी आंकड़ों के ऊपर मैं बहुत ही जल्दी एक वीडियो यूट्यूब पर डालने वाला हूं जिसमें एक बात तो क्लियर हो जाएगी कि क्या वाकई 6 से 7 साल में दिल्ली सरकार ने दिल्ली के हॉस्पिटल हो मैं कुछ बदलाव किया है यहां यह सिर्फ एक अफवाह ही थी





सबसे जरूरी सोचने वाली बात यह है कि अगर 70% सरकारी हॉस्पिटल खाली हैं तुझे कोरोनावायरस के पेशेंट हैं उनको बेड और ट्रीटमेंट क्यों नहीं मिल रहा है ?





यह पूछना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि अगर सरकार के पास 70% हॉस्पिटल खाली हैं और अगर सरकार सामर्थ्य है पुराना वायरस के मरीजों को चिकित्सा देने में तो फिर एक बहुत ही बड़ी तादाद में दिल्ली के मरीजों या अन्य राज्यों से आए हुए मरीजों को एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल क्यों भेजा जा रहा है





अगर आप भी दिल्ली के निवासी हैं और हाल में इंटरनेट पर हुई वायरल वीडियोस देख रहे हैं जिनमें क्रोनो वायरस के मरीजों को एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल में भेजा जा रहा है यह बता कर कि हॉस्पिटल में जगह नहीं है तो अब सुनिए दिल्ली सरकार के आंकड़े दूसरी तरफ क्या कह रहे हैं दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के मरीजों के लिए 4360 बेड 6 हॉस्पिटल में रिजर्व कर रखे हैं





इन हॉस्पिटल के नाम कुछ इस प्रकार हैं लोकनायक अस्पताल ,गुरु तेग  बहादुरअस्पताल,  राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल,  दीपचंद बंधु अस्पताल,  राजा हरिश्चंद्र और जग प्रवेश चंद्र अस्पताल | 





अगर हम रियल टाइम डाटा जो दिल्ली कोरोना ऐप पर सांझा की गई है उसके बारे में बात करें तो उसके मुताबिक दिल्ली में,  61% बेड लोकनायक अस्पताल में खाली हैं जोकि राज्य सरकार के द्वारा चलाया जाने वाला एक मुख्य चिकित्सालय हैं और 49% बेड राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में , 89% बेड गुरु तेग बहादुर अस्पताल में53% बेड दीपचंद बंधु अस्पताल में और 87% बैठ राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में और 100बेड  जग प्रवेश चंद्र अस्पताल मैं खाली हैं यह नंबर और आंकड़ा देखा जाए तो बहुत है फिलहाल के बढ़े हुए केशव को चिकित्सा देने के लिए और उनको देखने के लिए परंतु अगर आप अपने आसपास देखें तो यह समझना पढ़ाई दुर्बल है आज के टाइम में आने की समय में कि यह आंकड़े सही हैं यहां वह वीडियोस वह लोग जो अस्पतालों के बाहर मर रहे हैं जिनको चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल रही हैं





निवेदन/परामर्श :- प्यारे देशवासियों मेरे दोस्तों भाइयों बहनों आप सभी को इतनी सारी जानकारी देने का कारण यह नहीं था कि मैं आपको डराना चाहता क्या मैं आपको अस्पतालों की कमियां बताना चाह रहा हूं या प्रशासन की कमियां बताना चाह रहा हूं यह सब लिखने का जो मुख्य कारण है वही है कि कभी-कभी एक ऐसा टाइम आ जाता है जिसमें सिर्फ हम ही हमारी मदद कर सकते हैं और शायद यह वही समय नहीं पता कि सरकार आप प्रशासन किस हद तक हमारी मदद करेगा या करने में समर्थ है देश की आजादी को 72 साल हो गए लेकिन आज भी अगर हम देखें तो हमारे पास अस्पतालों का या मैं कहूं चिकित्सालय की जो हालत है वह अपनी अच्छी नहीं अगर हम देखें जिस हिसाब से अब तक हमारे देश में इन्वेस्टमेंट यानी कि निवेश कार्यों पर दिखाया गया है मैंने देखे पिछले 2 महीने में कुछ ऐसे हालात जिन्हें देखने के बाद मैं अपने काम पर ध्यान नहीं लगा पा रहा हूं और वह समय दोबारा नहीं देख सकता इसीलिए मैं आपसे निवेदन कर रहा हूं कि जितना हो सके दूसरों से दूर रहिए मन से नहीं तंग से सुरक्षित रहिए मास्क लगाकर रखिए सैनिटाइजर का प्रयोग करिए अपने हाथों को समय-समय पर धोती रहिएगा और जब बहुत जरूरी हो तो भी अपने घर से बाहर निकलिए और सिर्फ आप ही नहीं कोशिश करिए कि जो आपके बच्चे बाहर घूमने के लिए निकल रहे हैं वह भी सिर्फ जरूरी काम से निकले और बस अंत में इतना ही कहना चाहूंगा कि आप सब अपना ध्यान रखिए अगर आप सब सुरक्षित हैं तो यह देश सुरक्षित है 


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