Chhath Puja 2021 chhath puja 2021 mein kya karte hain | MyTirth.com


Chhath Puja 2021 Date and Time: आज है छठ पूजा का दूसरा दिन खरना, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत नियम  व्रत कथा के साथ पूरी डिटेल्स..


 छट पर्व भारत के कई राज्यों में मनाया जाता है और यह  पर्व एक राष्ट्रीय पर्व माना जाता है  यह छठ पर्व दिवाली के ठीक छठे दिन आता है



 कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की छठ को छठ मैया के रूप में मनाते हैं यह छट पर्व मुख्य तौर पर सूर्य देव से जुड़ा है इस छठ पर्व में सूर्य देव की उपासना का उल्लेख है यह छठ से 3 या 4 दिन पहले से शुरू हो जाता है इस छठ पर्व की परंपरा रामायण के समय से शुरू हुई थी जब प्रभु राम लक्ष्मण सीता मैया के साथ 14 वर्ष के वनवास के बाद लंका के राजा रावण का सभी राक्षसों सहित वध करके अयोध्या वापस आए थे तब उन्होंने यह उपवास रखा था और दूसरा यह भी कहते हैं की  महाभारत काल में करण सूर्य पुत्र थे वह सरोवर के अंदर काफी समय खड़े होकर सूर्यदेव की उपासना कर उनको जल अर्पण करते थे



अथवा पांडवों की रानी द्रौपदी भी सूर्यदेव की उपासना करती थी जिससे उनको अपना राज्य वापसमिल सके इस छठ पर्व  के व्रत के कारण उनको अपना राज्य वापस भी मिला 



छठ व्रत कथा chhath vrat katha in Hindi 

छठ मैया के व्रत के पहले दिन घर की साफ सफाई करते है उसके बाद स्नान कर पूजा करके चने की दाल से तैयार भोजन ग्रहण करते है। chhath vrat katha in Hindi 



छठ का दूसरा दिन chhath ka doosara din


छठ पर्व को 4 दिन तक मनाया जाता हैछठ पर्व का दूसरा दिन खरना नाम से जाना जाता है जिसका मतलब शुद्धिकरण होता है खाना जो व्यक्ति छठ पर्व का व्रत करता है उसे खरना वाले दिन व्रत करना होता है



जिसकी पूर्णता अगले दिन होती है खरना के दिन जिस व्यक्ति ने व्रत किया है उसको केवल एक ही समय भोजन करना होता है खरना के दिन व्रत धारण व्यक्ति अपने साफ मन से अपने कुलदेवता और छठ मैया की पूजा करते हैं और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद भी अर्पित करते हैं



खरना के दिन शाम को गन्ने का जूस या गुड़ से बनी खीर का प्रसाद बनाया जाता है और इसे सभी लोगों में बांटा जाता है इस प्रसाद को खाने के बाद व्रत रखे हुए व्यक्ति को 36 घंटे का निर्जला व्रत करना होता है


खरना  व्रत विधि kharana vrat vidhi , Chhat Puja


इस तरह खरना से ही  36 घंटे का व्रत आरंभ हो जाता है यह व्रत उगते हुए सूर्य को अर्घ देने पर समाप्त होता है इस व्रत को रखने वाली महिलाएं व पुरुष शाम को स्नान करते हैं और विधि विधान से रोटी और गुड़ की खीर का प्रसाद बनाते है इसके अलावा प्रसाद में मूली केला इत्यादि भी रखा जाता है इस दिन जो प्रसाद बनाया जाता है उस प्रसाद को मिट्टी से बने चूल्हे पर आम की लकड़ी जलाकर बनाया जाता है उसके बाद सूर्य भगवान की आराधना कर व्रत रखे व्यक्ति प्रसाद ग्रहण करते हैं



छठ का तीसरा दिन chhath ka doosara din



छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्य को अर्ध दिया जाता है और अर्ध्य देने के बाद में जो प्रसाद तैयार किया गया हो उस प्रसाद को सबको बाठकर  जो व्यक्ति  व्रत धारण किए हुए हैं  इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं




छठ पूजा का चौथा दिन chhath pooja ka chautha din


छठ पूजा का चौथा दिन पारण का दिन होता है इस दिन सूर्य उदय के समय सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ