भारत के बारे में तथा भारत के मुख्य तीर्थ स्थल (About India and India Top 5 holy shrine)

 भारत के बारे में तथा भारत के मुख्य तीर्थ स्थल About India and main pilgrimage sites of India



If I were asked under what sky the human mind has most fully developed some of its choicest gifts, has most deeply pondered on the greatest problems of life, and has found solutions, I should point to India – Max Mueller, German scholar



भारत या भारत वर्ष आप कुछ भी कहे पर यह दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृतियों में से एक है भारतीय सभ्यता की शुरुआत आज से लगभग 4,500 साल पहले ही शुरू हो चुकी थी यदि आप एक भौगोलिक के नजरिए से बात करें तो भारत विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है जोकि भूमध्य रेखा के उत्तर में 8 ° 4 'उत्तर से 37 ° 6' उत्तरी अक्षांश और 68 ° 7 'पूर्व से 97.25' पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है। 28 राज्य तथा 8 केंद्र शासित राज्य मिलकर भारत साम्राज्य का निर्माण करते हैं


भारत देश में कई हजार वर्षों से अलग-अलग प्रजातियों के समूह एक साथ रहते हैं तथा अलग-अलग धर्म मैं अपनी रुचि रखते हैं और यही चीज भारत को एक अखंड भारत के रूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत करती है अगर आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत विविध सभ्यताओं का एक देश है जहां पर लोग पूर्ण रूप से आजाद हैं किसी भी धर्म भाषा का अनुसरण करने के लिए आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की दुनिया में सबसे ज्यादा भाषाएं बोलने वाला देश भारत है भारत में 1650 प्रकार की भाषाएं बोली जाती हैं


भारत वर्ष नाम रखने के पीछे की कई कहानियां (Many stories behind naming Bharat Varsh)


भौगोलिक इतिहास के अनुसार (According to Geography )


आपने इतिहास में जरूर पढ़ा होगा दशराजन युद्ध के बारे में, ऋग्वेद मैं दशराजन  युद्ध के बारे में बताया गया है कि किस तरह से 10 राजाओं के महासंघ और भारत जनजाति के त्र्त्सू राजवंश के राजा सुदास के बीच लड़ाई हुई थी यह युद्ध पंजाब में रावी नदी के पास हुआ था और इस युद्ध में सुदास ने दस राजाओं के महासंघ पर विजय पाई थी इसके पश्चात लोग खुद को भारत जनजाति के सदस्यों के रूप में जानने लगे थे और यही कारण था भारत नाम का



सम्राट भरत के नाम पर पड़ा भारत


कुछ मान्यताओं के अनुसार यह भी माना जाता है कि हिंदुस्तान का नाम भारत एक राजा भरत चक्रवर्ती के नाम पर दिया गया था कहा जाता है की प्राचीन समय में भगवान श्री राम के पूर्वज जिनका नाम सम्राट भरत था जो कि चक्रवर्ती सम्राट हुआ करते थे और इनकी सम राज्य की सीमा चारों तरफ फैली हुई थी जो कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक थी और भरत सम्राट के नाम पर ही भारत का नाम भरतवर्ष पड़ गया जैसे लोग बाद में भारत भी कहने लगे



भारत को हिंदुस्तान के नाम से भी जाना जाता है (India also know as Bharat )


फारसी ‘हिंदुस्तान’, और लैटिन (रोम की भाषा) , भारत ’, दोनों पुराने-फारसी शब्द’ हिंदू ’से निकले हैं।   भारत का हिंदुस्तान नाम पढ़ने का एक कारण सिंधु नदी भी है पारसी लोग सिंधु नदी को अक्सर हिंदू बोलते थे जिसकी वजह से भारत का बाद में हिंदुस्तान नाम पड़ा


भारत में धर्म (Religion In India)


दुनिया में भारत को 2 सबसे बड़े धर्म के जन्म स्थान के रूप में जाना जाता है प्रथम हिंदू धर्म तथा द्वितीय बुद्ध धर्म.दुनिया में भारत को 2 सबसे बड़े धर्म के जन्म स्थान के रूप में जाना जाता है प्रथम हिंदू धर्म तथा द्वितीय बुद्ध धर्म. इसके अलावा भारत में मुस्लिम क्रिश्चियन शेख जैन अन्य वर्ग के लोग एक साथ रहते हैं


 भारत के तीर्थ स्थल एवं मंदिर bhaarat ke teerth sthal evan mandir

मंदिर हिंदू धर्म में एक दिव्या स्थान के रूप में देखा जाता है जहां पर भगवान अपना वास करते हैं  किसी भी मंदिर की संरचना वैदिक परंपरा के अनुसार की जाती है एक मंदिर ब्रह्मांड के सभी तत्व को अपने में सम्मिलित रखता है अच्छे, बुरे और मानव कर्म के साथ-साथ समय चक्र और जीवन के अर्थ के तत्व प्रति आत्मक रूप धर्म काम और मोक्ष और कर्म को निरूपित करता है


किसी भी मंदिर की संरचना करने के नियमों को प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में पूर्ण रूप से वर्णित किया गया है किसी भी मंदिर का निर्माण वास्तुकला के आधार पर ही होता है  यह ग्रंथ है बृहत् संहिता, वास्तु शास्त्र .


एक मंदिर हिंदुओं के लिए एक अध्यात्मा स्थान है ज्यादातर मंदिर ऐसी जगह है जिन के चारों ओर प्राचीन प्राकृतिक कलाएं हैं तथा निरंतर सामुदायिक उत्सव एवं जहां पर अर्थव्यवस्था का विकास हुआ है यदि आप हिंदू मंदिरों की संरचना को देखें तो आप पाएंगे कि भारत के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न प्रकार के मंदिरों की संरचना हैं और सभी मंदिर अलग-अलग देवताओं देवियों एवं क्षेत्रीय मान्यता के अनुसार बनाए गए हैं परंतु उन सभी में लगभग कुछ मुख्य स मान्यताएं हैं सब कुछ प्रतीक और विचार सभी मंदिरों में एक जैसे हैं


यह सभी मंदिर दक्षिण एशिया विशेष रूप से भारत और नेपाल, पाकिस्तान, दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे श्रीलंका, कंबोडिया, वियतनाम और इंडोनेशिया और मलेशिया के द्वीपों और कनाडा, फिजी, फ्रांस, गुयाना, केन्या, मॉरीशस जैसे देशों में पाए जाते हैं। नीदरलैंड, दक्षिण अफ्रीका, सूरीनाम, तंजानिया, त्रिनिदाद और टोबैगो, युगांडा, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और एक महत्वपूर्ण हिंदू आबादी वाले अन्य देश।


स्वामीनारायण अक्षरधाम ज्योति न्यू जर्सी संयुक्त राज्य अमेरिका मैं है इसका उद्घाटन 2014 में किया गया था और यह विश्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है एक मंदिर जीवन जीने का तरीका आदर्शों विश्वास धर्म तथा जीवन के मूल्य को दर्शाता है मंदिर एक ऐसा पवित्र स्थान है जो मनुष्य देवताओं तथा परम शक्तिमान के बीच एक रास्ता बनाता है यदि आप भारत के प्राचीन ग्रंथों में देखें तो आप पाएंगे कि मंदिर तीर्थ के लिए एक जगह है एक मंदिर एक ऐसा पवित्र स्थान होता है जैसी संरचना हिंदू जीवन शैली के आदर सिद्धांतों को प्रतीकात्मक रूप से जोड़ने का प्रयास करता है


"भारत के 30 सबसे प्रसिद्ध मंदिर जहां आपको अपने जीवन में एक बार जरूर जाना चाहिए"

भारत देश जो आपने परंपरा , धर्म तथा संस्कृति के लिए समस्त संसार में जाना जाता है भारत के मंदिर जो कि एक सुंदर, शांत स्थान एवं महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक पूर्णिया एवं पवित्र स्थल है तथा वस्तु कला में रुचि रखने वाले एवं इतिहासकारों के लिए भारत की संस्कृति को समझने का एक विशेष स्थान है इसीलिए मैं यहां पर आपके लिए कुछ भारत के प्रसिद्ध मंदिर लिख रहा हूं हालांकि भारत में स्थित हर तीर्थ स्थल हर मंदिर की एक अपनी विशेषता है एक अपनी कहानी है जिसको यहां पर लिख पाना मेरे लिए संभव नहीं है परंतु उम्मीद करूंगा कि जो भी कुछ यहां में लिख रहा हूं उसकी जानकारी आपको अच्छी लगे


भारत के इस पवित्र पावन भूमि में कई सारे आस्था के निशान हैं जो संपूर्ण भारत में देखने को मिलते हैं उस समय रचनाओं में भक्ति के कई सदियों की कहानियां है जो अधिक प्रमाणिकता और श्रद्धा प्रदान करते हैं और यह रचनाएं बताती हैं कि हिंदू धर्म विश्व में कितना पुराना है तथा किस प्रकार शेष ने मनुष्य के विकास में अपना योगदान हमेशा दिया है


India is the cradle of the human race, the birthplace of human speech, the mother of history, the grandmother of legend, and the great grandmother of tradition. our most valuable and most instructive materials in the history of man are treasured up in India only. Mark Twain

यहां पर भारत के 05प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों की जानकारी दी गई है जोकि लोगों की रूचि के आधार पर है Here is the information of 5 famous pilgrimage sites of India, which is based on the interest of the people.


बद्रीनाथ मंदिर अथवा बद्रीनारायण मन्दिर badreenaath mandir athava badreenaaraayan mandir


विष्णु भगवान का यह मंदिर उत्तराखंड में चमोली जनपद के पास अलकनंदा नामक नदी के तट पर स्थित है यह मंदिर देवता विष्णु जी को समर्पित मंदिर है बद्रीनाथ मंदिर हिंदू धर्म में बताए गए सबसे पवित्र स्थानों यानी "चार धाम" में से एक है बद्रीनाथ एक प्राचीन मंदिर है
इतिहासकारों का कहना है कि बद्रीनाथ मंदिर के आठवीं सदी में बने होने के प्रमाण मिलते हैं और बद्रीनाथ नारायण मंदिर के आसपास के नगर को भी बद्रीनाथ कहा जाता है


अगर आप एक भौगोलिक के नजरिए से देखें तो यह मंदिर गढ़वाल क्षेत्र यानी हिमालय पर्वत माला के ऊंचे शिखरों के मध्य मैं स्थित है बद्रीनाथ का मंदिर मात्र 6 महीनों के लिए ही खुला रहता है वह समय है अप्रैल से लेकर नवंबर के शुरुआती महीने तक ,बद्रीनारायण मंदिर में भगवान विष्णु जी के रूप बद्रीनारायण की पूजा होती है


इस मंदिर में बद्रीनाथ भगवान की शालिग्राम से निर्मित मूर्ति है इस मूर्ति के बारे में ऐसी मान्यताएं हैं कि गुरु शंकराचार्य जी ने नारद कुंड से निकाल कर एस मूर्ति को स्थापित किया था और कुछ हिंदू गुरुद्वारा ऐसा भी माना जाता है कि यह मूर्ति स्वयं प्रकट हुए प्रतिमाओं में से एक है
बद्री नारायण जी के इस मंदिर का उल्लेख कई प्राचीन पुराणों में मिलता है जैसे कि विष्णु पुराण महाभारत कथा स्कंद पुराण मैं मिला है


विष्णु को ही समर्पित निकटस्थ चार अन्य मन्दिरों – योगध्यान-बद्री, भविष्य-बद्री, वृद्ध-बद्री और आदि बद्री के साथ जोड़कर पूरे समूह को "पंच-बद्री" के रूप में जाना जाता है।


माता मूर्ति-का-मेला - जिसमें भगवान बद्रीनाथ की माँ की पूजा की जाती है और यह सितंबर के महीने में होता है।

बद्री-केदार महोत्सव - 8 दिनों तक चलने वाला, यह जून के महीने में होता है और बद्रीनाथ और केदारनाथ दोनों मंदिरों में मनाया जाता है।

कोणार्क सूर्य मंदिर konaark soory mandir

भारत में उड़ीसा नामक राज्य के अंदर जगन्नाथ पुरी से उत्तर पूर्व में कोर्णाक नाम के शहर में कोर्णाक सूर्य मंदिर स्थित है कोणार्क मंदिर भारत वर्ष के अंदर प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों में से एक है यूनेस्को द्वारा कोणार्क सूर्य मंदिर को एक विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है यह वाक्य मंदिर भगवान सूर्य देव को समर्पित है जिन्हें वहां के निवासी 'बिरंचि-नारायण के नाम से जानते थे


पुराणों के अनुसार जब साम्ब जो कि श्री कृष्ण जी के पुत्र थे उनको कृष्ण जी के श्राप के कारण कोढ़ रोग हो गया था तब साम्ब ने चंद्रभागा नदी के संगम पर कोणार्क में लगभग 12 वर्षों तक सूर्य भगवान की तपस्या की सूर्य देव जो सभी रोग को नाश करने वाले हैं  सूर्य देव ने साम्ब के सभी रोगों का निवारण कर दिया था उसी के बाद साम्ब ने सूर्योदय भगवान के लिए मंदिर निर्माण करने का निश्चित किया


कोणार्क सूर्य मंदिर की सुंदरता को रविंद्र नाथ टैगोर ने अपने शब्दों में कुछ इस तरीके से अभिव्यक्त किया है कि "यहां पत्थर की भाषा मनुष्य की भाषा को पार करती है"


बृहदेश्वर मंदिर brhadeshvar mandir


 

तमिलनाडु के तंजौर में स्थित है बृहदीश्वर मन्दिर या राजराजेश्वरम् मंदिर, चोला सम्राट के राजा चोला प्रथम ने यह मंदिर 11वीं शताब्दी में बनवाया था इस मंदिर के निर्माण में पूरी तरह से ग्रेनाइट का प्रयोग हुआ है समस्त संसार में यह है पहला और एकमात्र मंदिर है जो संपूर्ण रूप से ग्रेनाइट का बना हुआ है यूनेस्को ने बृहदीश्वर मन्दिर मंदिर को विश्व धरोहर घोषित किया है इस मंदिर को राजराजेश्वर मन्दिर नाम से भी जाना जाता है


यदि आप इस मंदिर की वस्तु कला के बारे में बात करें तो यह मंदिर अपने समय में विश्व की विशालतम संरचनाओं में से एक था  इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 66 मीटर है तथा या मंदिर पूर्ण रूप से भगवान शिव की अराधना में समर्पित है यह मंदिर कला की प्रत्येक शाखा - वास्तुकला, पाषाण व ताम्र में शिल्पांकन, प्रतिमा विज्ञान, चित्रांकन, नृत्य, संगीत, आभूषण एवं उत्कीर्णकला का भंडार है।


इस मंदिर की एक और विशेषता है की इसके गुंबद की परछाई पृथ्वी पर नहीं पड़ती और इस के शिखर पर स्वर्ण कलश स्थित है

सोमनाथ मंदिर  somanaath mandir

सोमनाथ मंदिर का पूरा नाम सोमनाथ ज्योतिर्लिंग है गुजरात प्रदेश के वेरावल बंदरगाह के पास प्रभास पाटन में स्थित, संसार भर में प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से प्रथम ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग की महिमा महाभारत, श्रीमद्भागवत, स्कन्द पुराण और ऋग्वेद में वर्णित है।


यह मंदिर इतना भव्य और सुंदर है जो कोई भी आता है उसकी पहली नजर सोमनाथ मंदिर पर ही पड़ती है यही कारण है कि सोमनाथ मंदिर पर 17 बार आक्रमण भी हुआ लेकिन हर बार इस मंदिर का पुनः निर्माण किया गया सोमनाथ मंदिर भारत के पवित्र और प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है कहते हैं यहां पर भगवान श्री कृष्ण ने यदुवंश का संघार करने के बाद यहां पर देह त्याग कर दिया ऐसी भी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण सर्वप्रथम सोमदेव द्वारा किया गया था और उस समय यह मंदिर सोने का था आखिर में महाराजा भीमदेव ने इस मंदिर का पत्थरों से निर्माण करवाया
ज्योतिर्लिंग को भगवान शिव के रूप में पूजा जाता है कहते हैं 12 जगह जहां पर यह ज्योतिर्लिंग है वहां पर साक्षात भगवान से उन्हें दर्शन दिए थे
कहा जाता है कि की कई बार यहां राज करने वाले बाहरी शासकों ने इस मंदिर को काफी क्षति पहुंचाई लेकिन कुछ राजाओं के समूह ने मिलकर पुणे इस धार्मिक स्थल की मरम्मत की सोमनाथ मंदिर को 1024 में महमूद गजनबी ने बुरी तरह से नष्ट कर दिया था वह मंदिर से सोना चांदी हीरे जवाहरात जो भी कीमती वस्तु थी सब को लूट कर अपने देश वापस चला गया बताया जाता है जब महमूद गजनबी मंदिर में स्थित शिवलिंग को नहीं तोड़ पाया तो उसने मंदिर के आसपास आग लगवा दी ऐसा भी माना जाता है कि उस समय सोमनाथ मंदिर में नीलमणि के 26 खंबे लगे थे जिसमें हीरे मोती के अलावा अलग-अलग तरह के रतन जड़े हुए थे परंतु जो बहुमूल्य रतन थे उनको लुटेरों द्वारा लूट लिया गया तथा मंदिर को भी तहस-नहस कर दिया
सोमनाथ मंदिर मुगलों द्वारा कई बार विनाश किया गया परंतु भारत के राजाओं ने हर बार मंदिर की हिफाजत की तथा कई बार मंदिर का पुनः निर्माण कराया गया सोमनाथ मंदिर एक प्राचीन और दिव्य स्थल है और आपको वहां जरूर जाना चाहिए

केदारनाथ मंदिर kedaaranaath mandir

गढ़वाल क्षेत्र (उत्तराखंड) के हिमालय पर्वतमाला में स्थित, केदारनाथ मंदिर दुनिया के सबसे पवित्र शिव मंदिरों में से एक है।  केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में सम्मिलित होने के साथ-साथ चारधाम और पंच केदार में से भी एक है यहां की मौसम यह परिस्थितियों के कारण यह मंदिर अप्रैल से नवंबर महीने के बीच ही खुलता है कत्यूरी शैली में बने इस मंदिर के पत्थरों के बारे में कहा जाता है पांडव वंश के राजा जनमेजय ने कराया था यहां स्थित स्वयंभू शिवलिंग अति प्राचीन है जून 2013 के दौरान भारत के उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश राज्य में आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण केदारनाथ सबसे अधिक प्रभावित रहा
इस ऐतिहासिक मंदिर का सबसे मुख्य हिस्सा और सदियों पुराना गुंबद बाढ़ और भूस्खलन से पूरी तरह सुरक्षित रहा परंतु मंदिर का मुख्य द्वार और उसके आसपास का इलाका पूरी तरह नष्ट हो गया आपको जानकर आश्चर्य होगा कि केदारनाथ मंदिर समुद्र तल से 11755 फीट की ऊंचाई पर स्थित है
वैज्ञानिकों के अनुसार केदारनाथ का मंदिर लगभग 400 सालों तक पूरी तरह बर्फ में दबा रहा परंतु उससे मंदिर को कोई भी नुकसान नहीं हुआ


केदारनाथ मंदिर का निर्माण
विक्रम संवत 1076 से 1099 तक राज करने वाले मालवा के राजा भोज ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था परंतु कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं कि यह मंदिर आठवीं शताब्दी में गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा बनवाया गया था ऐसी भी मान्यता है कि मौजूदा केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे की तरफ पांडवों द्वारा एक मंदिर बनवाया गया था परंतु यह मंदिर वक्त के साथ-साथ धंधा होता चला गया और आज इसका अस्तित्व पूरी तरह खत्म हो चुका है
केदारनाथ मंदिर 85 फुट ऊंचा और 187 फीट लंबा और 80 फीट चौड़ा है और इसकी दीवारों की मोटाई लगभग 12 फीट है और यह मंदिर लगभग 6 फुट ऊंचे चबूतरे पर बना हुआ है


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